Thursday 8 October 2020

बधाई हो! राजनीति हुई है...

बधाई हो! अपने अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों को। हारने की कम सम्भावनाओं वाले क्षेत्र से नॉमिनेशन कराना अपने आप में बहुत बड़ा काम है। (देश के विकास से भी ज़्यादा बड़ा काम)

बधाई हो! उन्हें भी जिन्हें टिकट नहीं मिली। भगवान ने जो किस्मत में लिखा है, उसे आपकी पार्टी के लोग भी नहीं बदल सकतें। अब आपका नाम आपकी पार्टी ने ही नहीं दिया, मैं ऐसा इल्ज़ाम नहीं लगा सकता।

 बधाई हो! जिनके चाहने वालों को टिकट मिली। वैसे भी राजनीति में हम लीडर नहीं अपना रिश्तेदार चुनते हैं। जिन्हें शादियों में बुलाने का सुख प्राप्त हो सके। हालांकि यह सुख न मिलपाने वाले लोगों के साथ मेरी सहानुभूति है।

बधाई हो! जिन्हें यह यक़ीन है कि उसका विपक्ष तो पक्का ही हारेगा भले ही वो ख़ुद जीते न जीते। वैसे भी अपने किये गए कामों के दमपर चुनाव लड़ा होता तभी तो आपको बुरा लगता।

बधाई हो! उन सभी कार्यकर्ताओं को जिनके गाड़ी में डलेंगे पेट्रोल मिलेगा नाश्ता। (वैसे भी बहुत सस्ती पेट्रोल है थोड़ा ज़्यादा डला लीजिएगा, चुनाव बाद भी पेट्रोल बचा रहा तो मार्केट से एक दो बार 80 रुपये किलो परवल ख़रीदने जाने के लिए काम तो आ ही जायेगा)।

बधाई हो! उन सभी प्रेमिकाओं को जिनके प्रेमी चुनाव प्रचार के बहाने उसके मोहल्ले में आएंगे। (यक़ीन मानिए आपके प्रेमी में एक भावी नेता है, लेकिन जिस छत्रछाया में है उसे नेता जी के रहने तक तो कोई सीट नहीं मिलनी, नेताजी के बाद उम्मीदवार बने यह तभी हो सकेगा जब नेताजी के ख़ानदान में कोई न हो तो)

बधाई हो! उन परिवारों को जिनका बोझ कुछ दिनों के लिए कमेगा। इस बेरोज़गारी में कम से कम गाँव के चाचा के लिए चुनाव प्रसार के लायक तो है हमारा बच्चा। (वैसे आपका बच्चा और भी बहुत से चीज़ों के लायक़ हो सकता है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि जिस चचा के लिए आप भेज रहे हैं अपने बच्चे को, शायद ही वो चाहते होंगे कि आपका बच्चा कुछ अच्छा कर जाए, वैसे एक प्रचारक खो जाने का दुख न आपसे देखा जाएगा न नेताजी से।)
 
 बधाई हो! उन टेलर्स को जिनके यहाँ बढ़ेंगे ऑर्डर्स ख़ास क़िस्म के कपड़ों के लिए। जिनमें बनाया जायेगा ख़ास किस्म का जादुई जेब। जिस जादुई जेब में सबकुक रखा जा सकेगा। (मुकदमा, ठेकेदारी, शिक्षा, उम्मीद और आने वाले पाँच साल)।

बधाई हो! उन शिक्षकों को जिन्हें बच्चों को पढ़ाने के बदले मिलेगी इलेक्शन ड्यूटी। स्कूल में बच्चे आपको बहुत मिस करेंगे फिर भी अपने कर्तव्य का पालन करना आपसे ही सीखेंगे। (बस मुझे इस बात का बुरा लग रहा है, कि बूथ पर आप स्वेटर नहीं बुन पाएंगे।)


बधाई हो! उन सभी को जो पहली बार अपना वोट देंगे। उन्हें अपने नाख़ून पर लगने वाले स्याही के लिए बहुत बहुत बधाई। यह स्याही नेल पॉलिश से भी ज़्यादा गहरा शृंगार है। देखिएगा अपने आप को किसी ऐसे व्यक्ति को मत सौंप दीजिएगा जो शादी के वक़्त बड़ी बड़ी बातें करके सारी उम्र देहज़ के लिए आपको दिन रात मरता पीटता रहे और आप बाकियों के कहने पर यह गीत गाते रहे "भला है बुरा है, मेरा पति मेरा देवता है।"

बधाई हो! उन बुजुर्गों को जिनका वृद्धा पेंशन सालों से भले ही बंद हो, भले ही डॉक्टर के पास जाने की हालत न हो, उन्हें  रिक्शा से ले जाया जाएगा, इस आत्मीयत सुख की होने वाली प्राप्ति के लिए बधाई। 

बधाई हो! गाँव की उन सभी नई दुल्हनों को जिनके नाम के साथ "कुमारी" के बदले "देवी" लगा हुआ नया वोटर आईडी कार्ड मिला है वो भी सिर्फ़ दस दिनों में। (आगे आने वाले दिनों में किसी अन्य सुविधाओं के लिए नेताओं के महूर्त का इन्तिज़ार करना पड़ेगा)

बधाई हो! उन सड़कों उन गलियों को जिसपर प्रचार वाले वाहन बहुत प्यार से धीरे धीरे अपनी उपस्थिति दर्ज़ करेंगे। जहाँ से ठीक पाँच साल बाद गुज़रेगा कोई व्यक्ति एक भीड़ के साथ, सबकुक बदलदेने के वादे से।

बधाई हो! बिजली के उन खम्बों को जिनपर पुरानी हो चुकी किसी कोचिंग के प्रचार का पोस्टर हटाकर लगेंगे नये पोस्टर। किताबों के मानचित्रों से ज़्यादा ख़ूबसरत अलग अलग पार्टियों के चुनाव चिन्ह दिखाई देंगे। (किताबों से याद आया आपके गाँव में सरकारी स्कूल का क्या हाल है, सरकारी से मेरा मतलब केंद्रीय विद्यालय से बिल्कुल भी नहीं है।)

बधाई हो! अनाजों को जो बने थे सिर्फ़ किसी मँहगे दर पर बिकने के लिए, इसबार जायेंगे किसी भूखे की पेट में। बधाई उन मुर्गों को जो जिये एक साथ और एक साथ ही परोसे जाएंगे पूरे समाज को, पूरे प्रखंड को, पूरे जिले को वोटिंग डे के ठीक कुछ दिन पहले, उन्हें मरने तक कि एकता के लिए बधाई। 

बधाई हो! उन शराबों को जो छिपे रह जाते बिना ख़रीदार के। लेकिन एक एक कार्टून, एक साथ चुनेंगे एक एक मोहल्ला और दर्ज़ करेंगे अपनी उपस्थिति। रातों में पीकर अपनी ही पत्नी को थप्पड़ मारते हुए कोई कहता हुआ मिलेगा "सुन ई ले पर्चा और ये जो चुनाव चिन्ह है इसी पर देना वोट नहीं तो चमड़ी उधेड़ देंगे। शराब के इस बेहतरीन प्रभाव के लिए सभी क़िस्म के शराबों को बधाई।

बधाई हो! समाज के सभी कुत्तों को। जो फ़िराक़ में थे किसी बड़े भोज के। किसी थाली में बच गई "कलेजी" और "लेग पीस" को चबाकर भौकेंगे एक ही धुन में। सभी को लगेगा ये कुत्ते भौंक नहीं रहे बल्कि मालिक की वफ़ादारी में दूम हिलाते हुए नारा लगा रहे हैं।

हो सकता है आप इस लेख में ख़ुद को न पाएं। इस ग़लती के लिए मुझे माफ़ कीजियेगा। मैं चुनाव प्रसार में इतना व्यस्त हूँ कि आपके बारे में लिखना भूल गया। अरे! गुस्सा छोड़िये और प्यार से इस त्योहार का उत्सव मनाइए। एक दूसरे को बधाई स्वरूप ज़रूर एक संदेश भेजिए;-
बधाई हो! राजनीति हुई है।


15 comments:

  1. बिल्कुल सही सर!! ✨✨✨🔥🔥🔥

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  2. 👌🏻👌🏻♥️♥️♥️

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  3. ye esa thappad hai jo shareefon ko bhi ja lagega . wese sgareef aajkal bache kahan hain or jo hai bhi unhe khud ni pata ,🧐 bahut khoob bozo ,👍 or murge wakai badhai ke partra hai jo ek santh jee or mare👏

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    1. Bahut bahut shukriya is pyar ke liye🌼🌼🌼

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    1. Sahi baat ko baaki logon tak pahuncha dijiye🌺 bahut bahut shukriya.

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  5. एक एक सच्चाई सरल और आसान शब्दों में पिरो के रखदी सर आपने !! और यह सच सिर्फ बिहार चुनाव के लिए ही नहीं बल्कि एक छोटे से पंचायत से लेकर सांसद और प्रधानमंत्री तक चुनने की सच्चाई है🙏अगर यह मुद्दे खत्म हो जाएंगे जिस दिन उस दिन असली मज़ा आएगा नाखून में लगी स्याही का

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    1. बहुत ज़रूरी है एक नए सिरे से बदलाव...इतने प्यार से पढ़ने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया

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  6. Nice bro...hume esi hi rajnitik smjh chahiye...desh ke yuva logo me ...
    Kyuki media or rajnitik dalo ne yuva pedi ki smjh ko khi trha se affect krke defect kiya he❤️❤️❤️🇳🇪🇳🇪🇳🇪

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  7. क्या ख़ूब बधाई दिए है बोजॊ भाई, ऐसे ही आलोचना होनी चाहिए लेकिन बधाई हो इस बात के लिए भी की हम सभी इस आलोचना के साथ साथ, इस सरगर्मियों के हिस्सा होंगे।
    जो ना हो सकेंगे उन्हें भी ढेर सारी बधाई।

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  8. बहुत सही कहा भैया |

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